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जानिए भारतीय दंड संहिता की धारा 420 को by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत किसी को व्यक्ति को कपट पूर्वक या बेईमानी से उत्प्रेरित कर आर्थिक, शारीरिक, मानसिक, संपत्ति या ख्याति संबंधी क्षति पहुंचाना शामिल है। यह एक दंडनीय अपराध है। इसके तहत सात साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है। येअपराध हैं इसमें शामिलजब कोई व्यक्ति छल करके किसी व्यक्ति को बेईमानी से उत्प्रेरित करता है जिससे वह व्यक्ति अपनी किसी संपत्ति या उसके अंश को किसी अन्य व्यक्ति को दे दें तो यह धारा-420 के अंतर्गत दंडनीय अपराध का हकदार होगा। यदि कोई व्यक्ति कागज पर किसी व्यक्ति के हस्ताक्षर बना कर उसके माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति से कोई संपत्ति प्राप्त करता है तो यह भी इस धारा के तहत आएगा। इसी तरह कोई व्यक्ति एक सही दस्तावेज हासिल करता है जिसके माध्यम से कोई संपत्ति हस्तांतरित होनी है। यदि वह व्यक्ति उस दस्तावेज को आंशिक रूप से बदल देता है कि उसे संपत्ति का अधिक भाग प्राप्त हो जाता है तो वह इस धारा के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। इस तरह छल करके बेईमानी से संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति या मूल्यवान प्रतिभूति में परिवर्तित होने वाली हस्ताक्षरित या मुद्रांकित कोई वस्तु प्राप्त करने या किसी अन्य व्यक्ति को प्राप्त कराने के लिए किया गया हर कार्य इसके तहत अपराध में आता है। इस धारा का बहुत व्यापक प्रभाव है। यही कारण है कि बेईमानी करने वाले हर व्यक्ति को चार सौ बीस कहा जाने लगा है।,,
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