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बलात्कार से पीडि़त स्त्री को कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए- (वनिता पंजाब) परिवार वालों या दोस्तों को बतायें-नहाए नहीं-वह कपड़े जिनमें बलात्कार हुआ है, उन्हें धोए नहीं। यह सब करने से शरीर या कपड़ों पर होने वाले महत्वपूर्ण सबूत मिट जाएँगे।-बलात्कारी का हुलिया याद रखने की कोशिश करें।-तुरंत पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ.आई.आर.) लिखवाएं। एफ.आई.आर. लिखवाते वक्त परिवार वालों को साथ ले जाएँ। घटना की जानकारी विस्तार से रिपोर्ट में लिखवाएँ।-एफ.आई.आर. में यह बात जरुर लिखवाएँ कि जबरदस्ती(बलात्कार) सम्भोग हुआ है।-यदि बलात्कारी का नाम जानती है, तो पुलिस को अवश्य बताएं।-यह उस स्त्री का अधिकार है कि एफ.आई.आर. की एक कापी उसे मुफ्त दी जाए।यह पुलिस का कर्तव्य है कि वह स्त्री की डॉक्टरी जांच कराए।-डॉक्टरी जांच की रिपोर्ट की कापी जरुर लें।-पुलिस जांच के लिए स्त्री के कपड़े लेगी, जिस पर बलात्कारी पुरुष के वीर्य, खून, बाल इत्यादि हो सकते हैं। पुलिस स्त्री के सामने उन कपड़ों को सील-बंद करेगी। उन सील बंद कपड़ों की रसीद जरुर लें।-कोर्ट में बलात्कार का केस बंद कमरे में चलता है यानि कोर्ट में केवल केस से संबंधित व्यक्ति ही उपस्थित रह सकते हैं।-पीडि़त स्त्री की पहचान को प्रकाश में लाना अपराध है।-पीडि़त स्त्री का पूर्व व्यवहार नहीं देखा जाना चाहिए।अगर पुलिस एफ.आई.आर. लिखने से मना कर दे, तो आप निम्न जगहों पर शिकायत कर सकते हैं :--कलेक्टर-स्थानीय या राष्ट्रीय समाचार पत्र-राष्ट्रीय महिला आयोगकानून बलात्कार से पीडि़त महिला को क्रिमिनल इज्यूरीस कंञ्पेन्सेशन बोर्ड के द्वारा आर्थिक मुआवजा भी दिलवाता है।
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